Tuesday 11 September 2012

सबकुछ तुम ही थे

अगर हम न रहे जिंदगी में तुम्हारी तो हमें याद कर लेना तुम,
सोच कर कोई बात हमारी आँखें नम न कर लेना तुम,
एहसास हमारा है साथ तुम्हारे हो सके तो महसूस कर लेना तुम,
चाहो जो हमसे बात करना तो आँखें बंद कर लेना तुम,
याद ही है जो मिटटी नही बस इस याद को जिंदा रखना तुम,
इस जनम तो मिलना मुमकिन नही बस आस को जिंदा रखना तुम,
जा रहे हैं तुम्हारी चौखट से पर गलत हमें न समझना तुम,
खुशियाँ मुबारक हो तुमको ग़म अपने मुझे दे देना तुम,
अपनी मज़बूरी से हुई मजबूर वरना मेरे तो सबकुछ ही थे तुम...