Monday 6 February 2012

तेरी आवाज़


हज़ारों किस्म की आवाजों से भरी है ये दुनिया,
नहीं सुनायी देती वो सिर्फ तेरी आवाज़ है,
तनहाई में भी जिसे सुन के हो महफ़िल का अहसास,
दूर होते हुए भी जिसे सुन के हो तेरे पास होने का अहसास,
नहीं सुनायी देती वो सिर्फ तेरी आवाज़ है,
दिल मायूस होता मेरा तो तू याद करता था फ़ौरन,
अपनी आवाज़ की कशिश से बोझ दिल का हल्का करता था फ़ौरन,
नहीं सुनाई देती वो सिर्फ तेरी आवाज़ है,
अर्श से फर्श तक कोई शय नहीं ऐसे,
जिससे मिसाल दी जा सके तेरी आवाज़ की,
नहीं सुनाई देती वो सिर्फ तेरी आवाज़ है,
हालात कुछ इस तरह से बदल गए,
न तू रहा न तेरी आवाज़ की कशिश ही रही,
दुनिया के शोर-ओ-गुल से मुझे क्या वास्ता,
सिर्फ तेरी ही आवाज़ सुनने की मुझे है तमन्ना,
नहीं सुनाई देती वो सिर्फ तेरी आवाज़ है...